बहुत समय पहले की बात है ,उन्नीसवीं सदी के मशहूर पेंटर दांते गेब्रियल रोजेटी के पास एक अधेड़ उम्र का
व्यक्ति पहुंचा. उसके पास कुछ स्केच और ड्राइंगस थीं जो वो रोजेटी को दिखा कर उनकी राय जानना चाहता था की वे अच्छी हैं , या कम से कम उन्हें देखकर कलाकार में कुछ टैलेंट जान पड़ता है .
रोजेटी ने ध्यान से उन ड्राइंगस को देखा . वह जल्द ही समझा गए कि वे किसी काम की नहीं हैं , और उसे बनाने वाले के नहीं के बराबर आर्टिस्टिक टैलेंट है . वे उसे व्यक्ति को दुखी नहीं करना चाहते थे पर साथ ही वो झूठ भी नहीं बोल सकते थे इसलिए उन्होंने बड़ी सज्जनता से उससे कह दिया कि इन ड्राइंगस में कोई खास बात नहीं है. उनकी बात सुनकर व्यक्ति थोडा निराश हुआ , लेकिन शायद वो पहले से ही ऎसी उम्मीद कर रहा था.
उसने रोजेटी से उनका समय लेने के लिए माफ़ी मांगी , और अनुरोध किया कि यदि संभव हो तो वे एक यंग आर्ट स्टूडेंट के द्वारा बनायीं कुछ पुरानी पेंटिंगस भी देख लें. रोजेटी तुरंत तैयार हो गये, और एक पुरानी फ़ाइल में लगी कृतियाँ देखने लगे .
उन्होंने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा , ” वाह, ये पेंटिंगस तो बड़ी अच्छी हैं , इस नौजावान में बहुत टैलेंट है , उसे हर तरह का प्रोत्साहन दीजिये, यदि वह इस काम लगा रहता है और जी तोड़ मेहनत करता है तो कोई शक नहीं कि एक दिन वो माहन पेंटर बनेगा.”
रोजेटी की बात सुनकर उस व्यक्ति की आँखें भर आयीं .
” कौन है यह नौजवान ?” , रोजेटी ने पूछा , “तुम्हारा बेटा ?”
“नहीं”, ” ये मैं ही हूँ- तीस साल पहले का मैं !!! काश उस समय किसी ने आपकी तरह प्रोत्साहित किया होता तो आज मैं पछताने की जगह एक खुशहाल ज़िन्दगी जी रहा होता.”
Friends , encouragement एक ऐसी चीज है जो हमारे अन्दर का बेस्ट बाहर लेकर आती है , हमें और भी अच्छा करने के लिए मोटीवेट करती है.
और लोग क्या करते हैं इस पर हम control नहीं कर सकते पर हम ये निश्चय कर सकते हैं कि जब कभी हमें किसी को genuinely encourage करने का मौका मिले हम उसे ज़रूर encourage करें .
Title :
पुरानी पेंटिंग
Description : बहुत समय पहले की बात है ,उन्नीसवीं सदी के मशहूर पेंटर दांते गेब्रियल रोजेटी के पास एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति पहुंचा. उसके पास कुछ स्केच औ...
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